
आत्मा - विकिपीडिया
आत्मा या आत्मन् पद भारतीय दर्शन के महत्त्वपूर्ण प्रत्ययों (विचार) में से एक है। यह उपनिषदों के मूलभूत विषय-वस्तु के रूप में आता है। जहाँ इससे अभिप्राय व्यक्ति में अन्तर्निहित उस मूलभूत सत् से किया गया है जो कि शाश्वत तत्त्व है तथा मृत्यु के पश्चात् भी जिसका विनाश नहीं होता।.
आत्मा परमात्मा का अंश है | आत्मा और परमात्मा के बीच अंतर | Aatma ...
"मेरा आत्मा परमात्मा का एक अंश है" - यहाँ स्व का अर्थ है आत्मा, वह एक अविनाशी तत्व है। एक अविनाशी (शाश्वत) तत्व सदा के लिए अविभाज्य है। परमात्मा का अर्थ है केवल आत्मा यानी आत्मा की वह अवस्था जिसके ऊपर आवरण या अज्ञानता की कोई परत नहीं हैं। जिसने ऐसी दशा प्राप्त कर ली, उसे भगवान कहा जाता है। यही ईश्वर के साथ एक होने का सच्चा अर्थ है।.
आत्मा का स्वरूप | Geeta Mein Atma Ka Swaroop | Atma …
आत्मा का स्वरुप योग ग्रंथों एवं उपनिषदों में पूर्णरूप से प्राप्त होता है। अलग-अलग ग्रंथों के अनुसार आत्मा की भिन्न-भिन्न व्याख्या की गयी है । यहाँ पर हम श्रीमद् भगवद्गीता के अनुसार आत्मा का स्वरूप जान रहे हैं। गीता का परिचय एवं गीता का महत्व हम पूर्व में ही जान चुके हैं। कुरुक्षेत्र में जब अर्जुन सगे संबंधियों को देख कर मोहग्रस्त हो जाता है तब भ...
What is difference between Aatma, Jeevatma and Paramatma?
2015年3月14日 · Aatma means Causal body, which is reflection created out of Paramatma, under the viels of ignorance/Maya. Paramatma / Brahman is Nirvikalp reality, that reflects into Aatma(individual soul). The difference between Aatma and Brahman can only be removed through Brahman Gyan, which leads to Kaivalya Moksha(non-dual …
आत्मा क्या है ? -प्राण और आत्मा में क्या अंतर है
2016年7月13日 · लोग ‘अच्छी आत्माओं’ की बात करते हैं। पश्चिम में लोग कहते हैं, ‘अरे, वह एक अच्छी आत्मा है।’ कोई आत्मा अच्छी या बुरी नहीं होती। आत्मा सभी पहचानों से, सभी इकाईयों से, सभी चीजों से परे है। इसे समझने का दूसरा तरीका यह है कि आत्मा जैसी कोई चीज ही नहीं है। इसी वजह से गौतम बुद्ध कहते फिरते थे, ‘‘तुम ‘अनात्म’ हो। आत्मा कुछ नहीं है।’’.
''आत्मा'' के बारे में 10 जानकारी - | Webdunia Hindi
तुम्हें और मुझे ही आत्मा कहा जाता है। तुम्हारे और हमारे ही नाम रखे जाते हैं। जब हम शरीर छोड़ देते हैं तो कुछ लोग तुम्हें या मुझे भूतात्मा मान लेते हैं और कुछ लोग कहते हैं कि उक्त आत्मा का स्वर्गवास हो गया। 'मैं हूँ' यह बोध ही हमें आत्मवान बनाता है ऐसा वेद, गीता और पुराणों में लिखा है।. आगे पढ़ें, कितने प्रकार की होती हैं आत्माएं...
आत्मा क्या है? – आत्मा का रहस्य | What is soul? – aatma ka …
आत्मा एक ऐसी जीवन-शक्ति है जिसके बल पर हमारा शरीर ज़िंदा रहता है। यह एक शक्ति है, कोई व्यक्ति नहीं। इस जीवन-शक्ति के बिना हमारे प्राण छूट जाते हैं और हम मिट्टी में फिर मिल जाते हैं। जब शरीर से आत्मा या जीवन-शक्ति निकलती है, तो शरीर मर जाता है और वहीं लौट जाता है जहां से वह निकला था यानी मिट्टी में। उसी तरह जीवन-शक्ति भी वहीं लौट जाती है जहां से...
आत्मा का अर्थ | आत्मा का सच्चा स्वरूप | Aatma ka …
ब्रह्मांड के सबसे सूक्ष्म और गहन तत्त्व आत्मा, जो कि स्वयं का वास्तविक स्वरूप है, उसको समझने में असमर्थ होने के कारण; व्यक्ति अनेक प्रश्नो से घिरा हुआ है जैसे कि: “आत्मा का अर्थ क्या है”?, “आत्मा यानि क्या”, "आत्मा कैसा होगा”, क्या वह प्रकाश स्वरूप है? और अगर प्रकाश स्वरूप है तो उसका प्रकाश कैसा होगा?
आत्मा क्या है, परमात्मा क्या है, इन दोनों का आपस …
2016年2月21日 · परमात्मा एक है, अनेक नहीं । ब्रह्मा, विष्णु, महेश आदि उसी एक ईश्वर के नाम हैं। (एकं सद् विप्रा बहुधा वदन्ति। ऋग्वेद – 1-164-46 ) अर्थात् एक ही परमात्मा शक्ति को विद्वान लोग अनेक नामों से पुकारते हैं। संसार में जीवधारी प्राणी अनन्त हैं, इसलिए आत्माएँ भी अनन्त हैं। न्यायदर्शन के अनुसार ज्ञान, प्रयत्न, इच्छा, द्वेष, सुख, दुःख- ये छः गुण जिसमें हैं,...
आत्मा का स्वभाव | आत्मा के गुणधर्म | Aatma ka swabhav | Aatma …
आत्मा चेतन है। यह एक ऐसा तत्त्व हैं, जो अतीत, वर्तमान और भविष्य में रहता हैं। आत्मा अमर, टंकोत्कीर्ण और अमूर्त है; यह अचल है, और वह अव्याबाध स्वरूपी है - इस प्रकार से आत्मा में विविध गुण हैं। ये स्वाभाविक गुण हैं; ऐसे गुण जो कभी भी नहीं बदलते।.
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